तारीख: 10 फरवरी 2025
सर्जन: Dr. Dinesh Thakur
एनेस्थेटिस्ट: Dr. Rajinder Prasad
मरीज: 94 yr female
94वर्षीय बुज़ुर्ग मरीज को घर में फिसलने के कारण अचानक तेज दर्द और चलने में असमर्थता हुई। जांच में पाया गया कि उन्हें हिप फ्रैक्चर हो गया है। इस उम्र में हड्डियों का कमजोर होना आम बात है, लेकिन सही इलाज ही राहत की कुंजी है।
Aastha Hospital में उन्हें तुरंत भर्ती कर लिया गया और विशेषज्ञ Dr Dinesh Thakur द्वारा Modular Hemiarthroplasty सर्जरी की सलाह दी गई। यह प्रक्रिया हिप फ्रैक्चर के लिए सुरक्षित और प्रभावी तकनीक मानी जाती है, जिसमें डैमेज जॉइंट को कृत्रिम इम्प्लांट से बदला जाता है।
सर्जरी के दौरान Dr parshad की एनेस्थीसिया टीम ने पूरी प्रक्रिया को सुचारू और सुरक्षित रूप से संचालित किया।
सर्जरी पूरी तरह सफल रही। मरीज ने धीरे–धीरे चलना शुरू किया और आज वे बिना किसी सहारे के अपने दैनिक कार्य कर पा रहे हैं।
Aastha Hospital एक बार फिर वरिष्ठ नागरिकों के लिए बना उम्मीद का नाम – जहां हर कदम पर मिलती है भरोसेमंद चिकित्सा सेवा।

07अप्रैल 2025
78 वर्षीय महिला मरीज, जो फिसलकर गिरने के बाद बाईं ओर की कमर (hip joint) में तेज दर्द और चलने में असमर्थता की शिकायत के साथ Aastha Hospital पहुंचीं। एक्सरे जांच में पाया गया कि मरीज की हिप बोन फ्रैक्चर हो गई थी, जिसे चिकित्सा भाषा में Intertrochanteric Fracture कहा जाता है।
ऐसे मामलों में तुरंत और सटीक सर्जरी ही बेहतर जीवन की कुंजी होती है। मरीज की स्थिति को समझते हुए Dr Dinesh thakur ने DHS (Dynamic Hip Screw) सर्जरी का निर्णय लिया, जो कि हिप फ्रैक्चर के लिए एक प्रभावी तकनीक है।
पूरी सर्जरी को सफल बनाने में Dr parshad और उनकी एनेस्थीसिया टीम का भी अहम योगदान रहा, जिन्होंने मरीज को सुरक्षित और स्थिर स्थिति में रखा।
सर्जरी पूरी तरह सफल रही और कुछ ही दिनों में मरीज को चलने–फिरने में सहूलियत महसूस हुई। वर्तमान में वे अपने पैरों पर वापस लौट चुकी हैं और सामान्य जीवन जी रही हैं।
Aastha Hospital की कुशल ऑर्थोपेडिक टीम ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि आधुनिक तकनीक और अनुभवी चिकित्सकों की देखरेख में हर गंभीर केस भी सफलता की मिसाल बन सकता है।

पिछले 5 वर्षों से एक 62 वर्षीय मरीज नियमित रूप से Aastha Hospital में डायलिसिस के लिए आ रहे हैं।
शुरुआत में यह सफर कठिन था — शरीर में कमजोरी, थकान, और मन में अनिश्चितता। लेकिन मरीज ने कभी हिम्मत नहीं हारी।
Aastha Hospital की अनुभवी टीम और आधुनिक डायलिसिस यूनिट ने न सिर्फ उनकी सेहत को संभाला, बल्कि उन्हें मानसिक और भावनात्मक सहारा भी दिया।
आज मरीज हर सेशन के बाद मुस्कुराते हुए घर लौटते हैं। वे यह उदाहरण हैं कि जीवन की रफ्तार बीमारी से नहीं रुकती, बस सही साथ और विश्वास की ज़रूरत होती है।
सर्जरी की तारीख: 12 मार्च 2025
सर्जन: Dr. Dinesh Thakur
एनेस्थेटिस्ट: Dr. Rajinder Prasad
मरीज: 45 वर्षीय पुरुष
एक सड़क हादसे में 45 वर्षीय पुरुष मरीज के दाहिने पैर की डिस्टल टिबिया हड्डी में गंभीर फ्रैक्चर हो गया। दर्द और सूजन इतनी ज़्यादा थी कि मरीज खड़े होने में भी असमर्थ थे। ऐसे में उन्हें तुरंत Aastha Hospital & IVF Center में भर्ती किया गया।
मामला गंभीर था लेकिन निराशाजनक नहीं – Dr Dinesh Thakur ने Locking Plate Fixation Surgery का निर्णय लिया, जो कि डिस्टल टिबिया फ्रैक्चर के लिए अत्यधिक प्रभावी और स्थिर तकनीक है।
सर्जरी के दौरान Dr parshad ने बेहतरीन एनेस्थीसिया मैनेजमेंट किया, जिससे पूरी प्रक्रिया सुरक्षित और बिना किसी जटिलता के सम्पन्न हुई।
सर्जरी के बाद मरीज को धीरे–धीरे चलना शुरू करवाया गया और कुछ ही हफ्तों में उन्होंने अपने पैरों पर लौटना शुरू कर दिया। आज वे बिना सहारे के चलने में सक्षम हैं और पूरी तरह से सामान्य जीवन की ओर लौट चुके हैं।
Aastha Hospital में हड्डी व जोड़ों की देखरेख अब न सिर्फ मुमकिन है, बल्कि बेहद विश्वसनीय भी।
04 अप्रैल 2025
आस्था हॉस्पिटल एंड IVF सेंटर में Dr. Viking Bhanoo और उनकी टीम ने एक 64 वर्षीय मोटे पुरुष मरीज की सफल लैप्रोस्कोपिक गॉलब्लैडर सर्जरी कर नया जीवन दिया। मरीज को लंबे समय से गॉलब्लैडर स्टोन की शिकायत थी, साथ ही मोटापा और बढ़ती उम्र के कारण जोखिम भी था।
मरीज को तेज पेट दर्द, खाना खाने के बाद भारीपन, और उल्टी की समस्या थी। जांच में गॉलब्लैडर स्टोन की पुष्टि हुई। मरीज को Aastha Hospital में भर्ती किया गया, जहाँ DR Viking Bhanu ने सफलतापूर्वक लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की। एनेस्थीसिया की जिम्मेदारी Dr parshad और उनकी टीम ने संभाली।
सर्जरी बिना किसी जटिलता के संपन्न हुई। मरीज को सर्जरी के अगले दिन चलने–फिरने में आसानी हुई और 2 दिन के भीतर डिस्चार्ज कर दिया गया।
Dr. Viking Bhanoo के अनुसार: “अधिक उम्र और मोटापा सर्जरी में चुनौती जरूर बन सकते हैं, लेकिन अनुभव, तकनीक और समय पर इलाज से हर जटिलता को सरल बनाया जा सकता है।“
अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ हैं और नियमित जीवन जी रहे हैं। आस्था हॉस्पिटल की टीम को इस सफलता पर गर्व है।
06 अप्रैल 2025
by Aastha_hospital & ivf center Hamirpur
आस्था हॉस्पिटल में Dr Yashpal और उनकी टीम ने 78 वर्षीय पुरुष मरीज की लंबे समय से चली आ रही पेशाब की गंभीर समस्या को सर्जरी के माध्यम से सफलतापूर्वक ठीक किया। मरीज को बार–बार पेशाब आना, रात में नींद में खलल, और पेशाब रुक–रुक कर आना जैसी दिक्कतें हो रही थीं।
जांच में पाया गया कि मरीज को प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ने की समस्या थी। आयु अधिक होने के कारण मामला थोड़ा संवेदनशील था, लेकिन अनुभवी सर्जन डॉ. यशपाल ने TURP (Transurethral Resection of Prostate) तकनीक से बिना किसी चीरे के ऑपरेशन कर समस्या का समाधान किया।
इस दौरान Dr parshad और उनकी एनेस्थेसिया टीम ने मरीज को पूरी प्रक्रिया में सुरक्षित और आरामदायक बनाए रखा।
सर्जरी के अगले ही दिन से मरीज की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार देखा गया और कुछ ही दिनों में उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। आज वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं और सामान्य जीवन जी रहे हैं।
आस्था हॉस्पिटल एंड IVF सेंटर एक बार फिर बुज़ुर्गों के लिए भी आधुनिक और सुरक्षित उपचार का भरोसेमंद केंद्र साबित हुआ।